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म्यांमार : घुटनों के बल बैठी नन बोलीं, उन्हें नहीं, मुझे मारो

Published - Tue 16, Mar 2021

म्यांमार में तख्तापलट के बाद हिंसा का दौर अभी तक जारी है। इसमें अभी तक कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं, ऐसे में यहां एक नन सिस्टर ऐन रोजे नु तवंग की तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें वह हथियार लिए सेना के सामने घुटने के बल बैठीं हैं और उनसे बच्चों को छोड़ने की अपील कर रही हैं। क्रूरता के आगे करुणा की तस्वीर खूब वायरल हो रही है। साथ ही नन की निडरता और करूणा की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

Sister Anne Roje Nu Tawang

नई दिल्ली। उत्तरी म्यांमार सिटी में सिस्टर ऐन रोजे नु तवंग की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें वह घुटनों के बल बिना किसी डर के बैठीं हैं और सामने हथियार लेकर सेना खड़ी है, जबकि उनके पीछे प्रदर्शनकारियों की भीड़ है। इस तस्वीर में सिस्टर इन हथियारबंद पुलिस अधिकारियों से कह रही हैं कि ये बच्चे हैं इन्हें छोड़ दो, भले ही इनके बदले मेरी जान ले लीजिए।
सिस्टर ऐन रोजे एक कैथोलिक नन हैं और उन्हें पता है कि इन सुरक्षाकर्मियों के आगे उन्हें क्या करना है। सफेद रोब और काले हैबिट में हाथ फैलाए सिस्टर रोजा सड़क के बीचों-बीच बैठ गईं और गोली न चलाने की गुहार करने लगीं। म्यांमार में तख्तापलट के बाद से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कई प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। ऐसे में सिस्टर रोजा का एक ही मकसद था, बिना अपनी जान की चिंता किए कई जिंदगियां बचाना। इत्तेफाक से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ली गई उनकी यह तस्वीर एक मिसाल बनकर उभरी है।

गोली न मारें, गिरफ्तार न करें

हाल ही में जब अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की तो ऐन रोजे अपनी जान की परवाह किए बिना उनके सामने पहुंच गईं। उन्होंने कहा, यदि आपको यह करना है तो मुझसे गुजरकर जाना पड़ेगा। सिस्टर रोजे ने एक चैनल को बताया कि सुरक्षाबलों ने जब कार्रवाई की तो मैंने उनसे प्रार्थना की कि लोगों को गोली न मारें, गिरफ्तार न करें।

उम्मीद है, उन्होंने गोली नहीं चलाई होगी

सिस्टर रोजे के घुटनों के बल बैठने के बाद भी आंसू गैस के गोले छोड़े गए, इससे उनकी तबीयत खराब होने लगी। तभी एक शख्स को गोली मार दी गई। उन्होंने बताया कि वह देख नहीं पाईं कि किसने गोली चलाई लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उन अधिकारियों ने गोली बिल्कुल नहीं चलाई होगी, जिनसे उन्होंने ऐसा करने की अपील की थी। उन्हें लगता है कि उनकी इंसानियत जरूर जागी होगी।