पिछले लगातार दो फाइनल में हारने वाली सिंधू ने आखिरकार तीसरी बारी में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। सिंधू ने फाइनल में मात्र 38 मिनट में अपने से ऊंची रैंकिंग की जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
बासेल (स्विट्जरलैंड)। ओलंपिक में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी, बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर खिताब जीतने वाली पहली भारतीय शटलर के बाद अब विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वालीं भी पीवी सिंधू पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। पिछले लगातार दो फाइनल में हारने वाली सिंधू ने आखिरकार तीसरी बारी में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। सिंधू ने फाइनल में मात्र 38 मिनट में अपने से ऊंची रैंकिंग की जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। इसी के साथ सिंधू ने ग्लास्गो में 2017 में फाइनल ओकुहारा से मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया। छठी बार इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में खेलने वाली सिंधू का यह पांचवां पदक है और वह चीन की झांग निंग के साथ सर्वाधिक पदक जीतने के मामले में संयुक्त रूप से शीर्ष पर हैं।
16 मुकाबलों में ओकुहारा पर नौवीं जीत
सिंधू की यह ओकुहारा पर लगतार दूसरी जबकि कुल 16 मुकाबलों में नौवीं जीत है। इस जीत के साथ सिंधू ने 2017 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में ओकुहारा से मिली हार का हिसाब भी चुकता कर लिया।
पहली बार भारतीय शटलर दो वर्गों में पदक के साथ लौटेंगे
विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका होगा, जब भारतीय शटलर दो पदक के साथ स्वेदश लौटेंगे। इससे पहले 2017 में साइना ने कांसा और सिंधू ने रजत पदक जीता था। इस साल सिंधू के स्वर्ण के अलावा बीसीई प्रणीत ने कांस्य पदक जीता है। यह पहला मौका होगा जब भारतीय महिला और पुरुष शटलरों ने एक-साथ पदक जीता।
पहला गेम 16 मिनट में जीता
पहले गेम में भारतीय शटलर ने जबरदस्त शुरुआत की और लगातार सात अंक लेते हुए जापानी खिलाड़ी पर 8-1 की बढ़त बना ली। इस दौरान ओकुहारा नेट पर बुरी तरह विफल रहीं, जिसका फायदा सिंधू को मिला। सिंधू ने दबाव बनाए रखा और जोरदार स्मैश लगाया, जिसका विपक्षी खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। पहले गेम में ब्रेक के समय उनकी बढ़त 11-2 हो गई। ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो जापानी शटलर ने टक्कर देने की कोशिश, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। लंबी-लंबी रैलियों के बीच सिंधू ने लगातार पांच अंक लेकर बढ़त 16-2 कर ली। यहां ओकुहारा को दो अंक जरूर मिले, लेकिन उसमें सिंधू के आउट शॉट की भूमिका रही। इसके बाद भारतीय शटलर ने कोई मौका नहीं दिया और पहला गेम 16 मिनट में 21-7 से जीत लिया।
दूसरा गेम 22 मिनट में
दूसरे गेम में भी ओकुहारा के पास सिंधू के खेल का कोई जवाब नहीं था। 22 मिनट तक चले इस गेम में शुरुआत तो रोचक रही, लेकिन जल्द ही सिंधू ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। देखते ही देखते उनकी बढ़त 11-4 हो गई। ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो सिंधू ने लगातार पांच अंक लेकर बढ़त 16-4 कर ली। यहां ओकुहारा ने तीन अंक लिए लेकिन सिूंध ने यह गेम 21-7 से जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।
बधाईयों का तांता
बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप जीतने पर बधाई पीवी सिंधू। यह पूरे देश के लिए गौरवशाली क्षण है। कोर्ट पर आपका जादुई खेल, कड़ी मेहनत और दृढ़ता लाखों लोगों को रोमांचित और प्रेरित करती है। विश्व चैंपियन को भविष्य के मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं।’
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
शाबाश पीवी सिंधू। जापान की ओकुहारा को हराकर विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने पर बधाई। आपकी इस शानदार उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है।
-अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री
सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। आपको दिल से बधाई। सरकार चैंपियन तैयार करने के लिए समर्थन और सुविधाएं मुहैया कराने की प्रक्रिया जारी रखेगी।
-किरेन रिजिजू, खेल मंत्री
शानदार प्रदर्शन सिंधू। वाली पहली भारतीय विश्व चैंपियन बनने पर बहुत बहुत बधाई। आपने एक फिर भारत को गौरवांवित होने का अवसर दिया। - सचिन तेंदुलकर
भारत की ओर से विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने पर मुबारक हो पीवी सिंधू।
- साइना नेहवाल
विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने पर बहुत बधाई। स्किल, फिटनेस और मानसिक दृढ़ता का शानदार परिचय। हमें आप पर गर्व है।
-वीवीएस लक्ष्मण
बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय बनने पर बधाई पीवी सिंधू। आपने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। जीतना जारी रखो।
-ममता बनर्जी, सीएम बंगाल
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.