चंडीगढ़ की वृति को स्ट्राबेरी बेहद पंसद हैं। उसका स्वाद और रंगरूप उन्हें खींचता है। वृति ने पिछले साल लॉकडाउन में स्ट्राबेरी की खेती को चुना और बिजनेस शुरू किया।
नई दिल्ली। एक शहर से दूसरे शहर अपने सपनों को पूरा करने, नौकरी की तलाश में गए युवाओं को कोरोना की दूसरी लहर ने फिर झटका दिया। कई की नौकरी चली गई, तो कई युवाओं के सपने पूरे होते-होते रह गए। लेकिन कुछ युवा ऐसे भी हैं ,जिन्होंने हार नहीं मानी और आपदा को अवसर में बदल दिया। ऐसी ही एक युवती हैं चंडीगढ़ की वृति, जो अपने भाई के साथ मिलकर स्ट्राबेरी बेचने का काम कर रही हैं और सोशल मीडिया के जरिये अपने बिजनेस को बढ़ा रही हैं।
इन दिनों कोरोना संकट का सबसे बुरा असर मुंबई पर पड़ा है। वहां जनजीवन ठहर सा गया है। ऐसे में युवाओं को शिक्षा व रोजगार दोनों क्षेत्रों में निराशा ही हाथ लगी। मुंबई के एक कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रहे पार्थ के पास चंडीगढ़ में कुछ एकड़ पुस्तैनी जमीन है। कोरोना संकट के समय पार्थ घर लौट आए, तो वृति और उन्होंने मिलकर अपने पुश्तैनी जमीन पर स्ट्राबेरी उगाने का काम शुरू किया। वृति जानती थीं कि उनके भाई को खेती में दिलचस्पी है। हालांकि वृति को स्ट्राबेरी खाना और उसका रंगरूप आकर्षित करता था, तो उन्होंने भाई को इसकी खेती करने की सलाह दी। इंटरनेट पर दोनों ने मॉडर्न तकनीक और तरीकों को जुटाना शुरू किया और शुरू की स्ट्राबेरी की खेती। मार्च 2020 में इसका परिणाम स्ट्राबेरी की बेहतर खेती के रूप में सामने आया। वृत्ति बताती है कि उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती के लिए किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया है। स्ट्राबेरी उगाने की शुरुआत आधा एकड़ जमीन से हुई थी, लेकिन अब दोनों भाई-बहन करीब 4 एकड़ जमीन पर स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं।
मुसीबत में नहीं मानी हार
वृति ने शुरुआत में अपने परिजनों और परिचितों को बांटने के लिए स्ट्राबेरी उगाई थी, लेकिन इसकी उपज जरूरत से ज्यादा हो गई। फसल बर्बाद न हो, इन्होंने स्थानीय अधिकारियों से जरूरी परमिशन ली जिसके बाद वे अपनी इन स्ट्राबेरी को घर-घर जाकर डिलीवर कर सकती थी।
घर-घर पहुंचाया अपना प्रोडक्ट
वृति और पार्थ ने फ्रेश विले नाम से अपना ब्रांड शुरू किया और इसको बेचने और प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। इनसे मिलने वाले ऑर्डर को वो पूरा करते और नए क्लाइंट खोजते। पार्थ खेती करते हैं और वृति मार्केट संभालती हैं। उन्होंने 11 अन्य लोगों को रोजगार दिया है। एक बार फिर लॉकडाउन लगा है, तो फिर उनके सामने परेशानी आ खड़ी हुई है, लेकिन पढ़े-लिखे ये युवा किसान सोशल मीडिया के माध्यम से अपने प्रोडक्ट घर-घर पहुंचा रहे हैं। वृत्ति और पार्थ इस दौरान स्ट्राबेरी से जुड़े अन्य उत्पादों जैसे जैम और क्रश-स्लश आदि का भी निर्माण कर रहे हैं। अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए वृत्ति कहती हैं कि वे शहर में विभिन्न सुपरमार्केट के साथ काम करते हुए दिल्ली समेत अन्य शहरों में विस्तार की तरफ बढ़ रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.