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पढ़ी-लिखी कूड़ा उठाने वाली वो लड़की

Published - Wed 04, Mar 2020

दिल्ली की तमन्ना शर्मा ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है, लेकिन वो आज बड़े आयोजनों में जाकर कूड़ा उठाने का काम करती हैं। वो ये काम समाज को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए कर रही हैं।

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दिल्ली जैसे शहर में युवा पढ़-लिखकर अपना भविष्य बनाने के पीछे भागने लगते हैं, लेकिन दिल्ली की तमन्ना शर्मा ने पढ़ लिखकर ऐसा काम चुना, जिसे करने में अनपढ़ भी नाक-भौं सिकोड़ते हैं। तमन्ना शर्मा ने बड़े-बड़े आयोजन में जाकर वहां से कूड़ा-कचरा उठाने का काम शुरू किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी करने वाली तमन्ना ये काम धर्म-जाति के लिए नहीं बल्कि समाज को ये बताने के लिए कर रही हैं कि पर्यावरण सरंक्षण सबकी जिम्मेदारी है। लोग अपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें। तमन्ना ने इस काम को बड़े पैमाने पर करने के लिए ‘अर्थलिंग फर्स्ट’ नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया है। जो हजारों टन कूड़े को रिसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल लायक बना चुका है।
ऐसे शुरू हुआ तमन्ना का सफर
तमन्ना का ये सफर रोचक तरीके से शुरू हुआ। बचपन से ही उनका रूझान  रूझान पर्यावरण संरक्षण की ओर था और वो इसको लेकर काफी गंभीर थीं। इस बीच उनको एक सरकारी आयोजन में हिस्सा लेने का मौका मिला। जहां उन्होने देखा कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद चारों और कचरा फैला हुआ था। यहीं से उनको ‘अर्थलिंग फर्स्ट’  नाम से स्टार्टअप शुरू करने का आइडिया आया। 2016 में इसकी स्थापना के बाद उन्होने इसे एक सफल कारोबार के तौर पर चलाने का फैसला लिया। तमन्ना ने  बेंगलुरु में रहने वाले और उनके बचपन के दोस्त एमए जुलियन से मदद ली जो खुद कारोबारी हैं। तमन्ना ने जुलियन की मदद से कॉरपोरेट इंवेट के लिए काम करना शुरू किया क्योंकि उनके आयोजन में काफी ज्यादा वेस्ट इकट्ठा होता है।‘अर्थलिंग फर्स्ट’ को सबसे पहले ‘मारूति सुजुकी डेवल्स सर्किट’ ने कूड़ा उठाने और उसको रिसाइकल करने का मौका दिया। खास बात ये है कि ‘मारूति सुजुकी डेवल्स सर्किट’ हर महीने देश के अलग शहरों में अपने इवेंट आयोजित करती है। ये कंपनी काफी समय से एक ऐसी दूसरी कंपनी ढूंढ रही थी जो उनके वेस्ट को ठिकाने लगा सके। शुरूआत में ‘मारूति सुजुकी डेवल्स सर्किट’ ने तमन्ना को काफी छोटे से स्तर के इवेंट में कूड़ा उठाने का मौका दिया। इसके बाद कंपनी उनके काम से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होने देश भर में होने वाले अपने सभी कार्यक्रमों के वेस्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उन पर डाल दी।

टनों कचरा होता है रिसाइकिल
तमन्ना का अर्थलिंग फर्स्ट हर इवेंट से दो से तीन टन वेस्ट इकटठा कर उसे रिसाइकिल होने को भेजता है। किसी भी इवेंट का काम हाथ में लेने से पहले वो जानकारी जुटाती हैं कि कार्यक्रम में किस तरह का सामान इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कई बार वो तुरंत ही वेस्ट को कैसे रिसाइकिल किया जा सकता है, इसकी भी जानकारी देती हैं। इससे एक ओर वो लोगों को कूड़े का समाधान दे रही हैं, तो दूसरी ओर वो उनको ये भी बता रही हैं कि किस सामान के इस्तेमाल से कम कूड़ा पैदा किया जा सकता है। खास बात ये है कि तमन्ना अपने कर्मचारियों को सफाई के लिए कभी भी झाड़ू नहीं देतीं। उनका मानना है कि झाडू से कचरा आपस में मिल जाता है जिसके बाद उसे अलग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए हर कर्मचारी को खास ड्रैस और दस्ताने देने के साथ दूसरे जरूरी सामान दिए जाते हैं।