दिल्ली की रहने वाली नेशनल जूडो और हैंड बॉल खिलाड़ी रश्मि चड्ढा ने महिलाओं के लिए स्टार्टअप ‘वो वोयाज’ शुरू किया है, जिससे महिलाएं आजादी से जैसे चाहें, जहां चाहें घूम सकें।
नई दिल्ली। भारत के पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी जाती हैं। अकेले बाहर नहीं जाना, ये नही करना, वो नहीं करना। घूमने जा रही हो तो अकेले क्या करोगी आदि। हालांकि ये इसलिए किया जाता है कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। लेकिन महिलाओं पर इस तरह की रोक-टोक से परेशान नेशनल हैंड बॉल और जूडो खिलाड़ी रश्मि चड्ढा ने महिलाओं को आजादी से घूमने-फिरने और मन की करने के लिए एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसका नाम रखा ‘वो वोयाज’। इसके पीछे उनका मकसद महिलाओं को अकेले घूमने फिरने की आजादी दिलाना है। इसकी मदद से वो महिलाओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म दे रही हैं, जहां मालिक से लेकर गाइड, ड्राइवर तक महिला ही साथी हो। इस दौरान महिला सैलानी को उनके मन मुताबिक ना केवल घुमाया फिराया जाता है बल्कि शॉपिंग से लेकर खाना खिलाने तक में उनकी पसंद का ध्यान में रखा जाता है।
बचपन में झेला तो ठान लिया कि कुछ करना है
दिल्ली की रहने वाली रश्मि ने जब होश संभाला तो उन्होंने पाया कि उन्हें घूमना-फिरना बेहद पसंद है। लेकिन घूमने-फिरने के दौरान महिलाओं के साथ होने वाली परेशानियों को उन्होंने करीब से देखा और बचपन में ही ठान लिया कि वो बड़े होकर कुछ ऐसा करेंगी कि महिलाओं को आजादी के साथ घूमना फिरना मिल सके। जब वो बड़ी हुईं, तो इसी आइडिया पर काम करना शुरू किया और सोचा कि क्यों न एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए जहां महिलाओं को मालिक से लेकर गाइड, ड्राइवर सब मिले और ये सब महिलाएं ही हों। 2013 में उनकी पढ़ाई चल रही थी और उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ इसपर काम जारी रखा। इस दौरान उनकी मुलाकात कई विदेशी और एनआरआई महिलाओं से हुई। जिनके साथ कई बार वो घूमने फिरने गई तो उन्होने महसूस किया कि एक महिला दूसरी महिला के साथ ज्यादा आरामदायक स्थिति में होती है। 2016 में उन्होंने अपनी अपनी ट्रैवल कंपनी ‘वो वोयाज’की शुरूआत की।
हिट रहा आइडिया
रश्मि का ये आइडिया हिट रहा। बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट उनसे जुड़ने लगे। विदेशों में भारत की छवि बदलने के लिए और महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए उन्होंने अपने यहां स्टाफ से लेकर गाइड तक महिला को ही नियुक्त किया। वो महिला सैलानियों को उनकी पसंद के मुताबिक गाइड उपलब्ध कराती हैं। जैसे अगर किसी महिला को नए डिजाइन के कपड़े पसंद हैं या उनको अलग-अलग तरह के खाने पसंद हैं तो महिला गाइ़ड ऐसे सैलानियों को उनकी पसंद के मुताबिक जगहों पर लेकर जाती हैं। ‘वो वोयाज की योजना जल्द ही ऐसी सेवा शुरू करने की है जहां पर महिला ड्राइवर को कोई एक विदेशी भाषा की ट्रेनिंग देकर उनको गाइड की भूमिका में काम करना सीखाना है। ऐसी महिलाओं को सुपर गाइड कहा जाएगा। खास बात ये है कि इस काम के लिए उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो कमजोर तबकों से आती हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.