Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

पाकिस्तान-बांग्लादेश के साथ दुनिया के 22 मुस्लिम देशों में बैन है तीन तलाक

Published - Sat 22, Jun 2019

आज भी हम तीन तलाक जैसे मसले पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और सीरिया जैसे देशों से पिछड़े हैं। दुनिया के 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक बैन हो चुका है।

triple talaq

पाकिस्तान के साथ दुनिया के 22 मुस्लिम देशों में बैन है तीन तलाक
नई दिल्ली। देश में बदलाव का दौर जारी है। 21वीं सदी का भारत तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है। महिलाओं को समानता के अवसर प्रदान करने के ​िलए उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात हो रही है। इन सबके बावजूद आज भी हम तीन तलाक जैसे मसले पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और सीरिया जैसे देशों से पिछड़े हैं। दुनिया के 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक बैन हो चुका है।

दुनिया का पहला देश बना इजिप्ट
इजिप्ट दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने तीन तलाक को खत्म किया था। वर्ष 1929 में इजिप्ट ने कई मुसलमान जजों की राय पर तीन तलाक को खत्म किया था। इजिप्ट ने एक इस्लामिक विद्वान इब्न तामियां की 13वीं सदी में कुरान की विवेचना के आधार पर तीन तलाक को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सन् 1929 में सूडान ने भी इजिप्ट के रास्ते पर चलते हुए ट्रिपल तलाक को बैन कर दिया था।

पाकिस्तान : पाकिस्तान ने वर्ष 1956 में ही तीन तलाक को खत्म कर दिया था। वहां तीन तलाक के खत्म होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। वर्ष 1955 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा ने अपनी सेक्रेटरी से शादी कर ली थी और वह भी अपनी पत्नी को तलाक दिए बिना। इसके बाद पूरे देश में ऑल पाकिस्तान वुमेन एसोसिएशन की ओर से विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। यहां से पाकिस्तान में तीन तलाक के खत्म होने पर बहस शुरू हुई। साल 1956 में सात सदस्यों वाले एक कमीशन ने तीन तलाक को खत्म कर दिया।

बांग्लादेश : वर्ष 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इसके बाद यहां पर शादी और तलाक के कानूनों में सुधार हुआ। बांग्लादेश ने तीन तलाक को खत्म कर दिया और यहां पर तलाक के लिए कोर्ट का फैसला मान्य माना गया।

इराक : वर्ष 1959 में इराक दुनिया का पहला अरब देश बना था जिसने शरिया कोर्ट के कानूनों को सरकारी कोर्ट के कानूनों के साथ बदल दिया। इसके साथ ही यहां पर तीन तलाक खत्म कर दिया गया।

श्रीलंका : श्रीलंका में तीन तलाक का जो कानून है उसे कई विद्वानों ने एक आदर्श कानून करार दिया है। यहां पर मैरिज एंड डिवोर्स (मुस्लिम) एक्ट 1951 के तहत पत्नी से तलाक चाहने वाले पति को एक मुस्लिम जज को नोटिस देना होगा जिसमें उसकी पत्नी के रिश्तेदार, उसके घर के बड़े लोग और इलाके के प्रभावशाली मुसलमान भी शामिल होंगे।

सीरिया : सीरिया में मुसलमान आबादी करीब 74 प्रतिशत है और यहां पर वर्ष 1953 में तलाक का कानून बना था। सीरिया के पर्सनल स्टेटस लॉ के आर्टिकल 92 के तहत तलाक को तीन या चाहे कितनी भी संख्या में बोला जाए, लेकिन इसे एक ही तलाक माना जाएगा।

मलेशिया और इंडोनेशिया: मलेशिया में डिवोर्स रिफॉर्म एक्ट 1969 के तहत कई बदलाव किए गए। यहां पर अगर किसी पति को तलाक लेना है तो फिर उसे अदालत में अपील दायर करनी होगी। इंडोनेशिया में तलाक यहां के आर्टिकल 19 के तहत कुछ वैध वजहों के आधार पर मिल सकता है।

इन देशों में भी तीन तलाक अवैध
ट्यूनीशिया, साइप्रस, जॉर्डन, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी तीन तलाक को बैन किया गया है।