स्क्रब पैड इत्यादि बनाने वाली ‘स्कॉच-ब्राइट’ कंपनी अब पैकेट से महिला की तस्वीर को हटाएगी और साथ ही अपने पुराने लोगो को भी बदलेगी। नया नारा होगा- ‘सोच भी बदलेंगे लोग'
हाल ही में स्किन को गोरा बनाने वाली क्रीम फेयर एंड लवली के विज्ञापन पर जब एतराज उठाया गया तो कंपनी ने तुरंत फेयर शब्द हटाने की घोषणा कर दी। अब मामला आया है बर्तन मांजने से लेकर झाड़ू-पोंछा जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी ‘स्कॉच-ब्राइट’ का। स्क्रब पैड इत्यादि बनाने वाली यह कंपनी भी अब पैकेट से महिला की तस्वीर को हटाएगी और साथ ही अपने पुराने लोगो को भी बदलेगी। नया नारा होगा- ‘सोच भी बदलेंगे लोग'
बिंदी वाले पैकेट पर लगी महिला की तस्वीर समझ में आती है, लेकिन बर्तन साफ करने वाले, झाड़ू-पोंछा लगाने वाले या फिर बाथरूम साफ करने वाले सामानों पर एक महिला की तस्वीर लगाई गई हो तो ये एक अलग सोच और मानसिकता को दर्शाता है। बरसों से चली आ रही मानसिकता यही है कि ऐसे घरेलू कामकाज सिर्फ महिला के ही जिम्मे है। क्या वाकई ऐसी सोच/मानसिकता सही है? बिलकुल नहीं....जैसे-जैसे जमाना बदल रहा है। सोच भी बदल रही है। लोग अब खुलकर सामने आने लगे हैं। ऐसी सोच के लिए महिलाएं तो आवाज उठाती ही रहती हैं, उन्हें फेमिनिस्ट भी कह दिया जाता है, पर जब कोई पुरुष ऐसे मामले उठाए तो उनकी भी जमकर प्रशंसा होनी चाहिए।
सोशल साट पर एक यूजर कार्तिक श्रीनिवासन ने एक कंपनी के ऐसे ही संदेश पर सवाल उठाए हैं। कंपनी ने भी इसे समझा और गलती को माना, अब कंपनी अपने प्रोडक्ट के पैकेट पर से महिला की तस्वीर और पुराना लोगो हटाने जा रही है। इस बदलाव पर सोशल मीडिया पर लोग श्रीनिवासन और कंपनी के मार्केटिंग हेड की भी प्रशंसा कर रहे हैं। इस मामले में उल्लेखनीय बात ये है कि ब्रांड्स और उनके ग्राहक सोशल मीडिया के जरिए सीधे कनेक्ट हुए। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी ग्राहक का थोड़ा दखल और किसी कंपनी की थोड़ी-सी समझ, कई चीजों को बेहतर बना सकती है।
जानें क्या पूरा मामला
‘स्कॉच-ब्राइट’ को बर्तन साफ करने के लिए बेहतर माना जाता है। भारत के अधिकांश घरों में इसका इस्तेमाल होता है। दरअसल, ‘स्कॉच-ब्राइट’ के पैकेट पर बिंदी लगाए एक महिला की तस्वीर है, बस विवाद इसी तस्वीर और उसके पीछे छिपी सोच/मानसिकता को लेकर उठा।
पेशे से कम्यूनिकेशन कंसलटेंट कार्तिक श्रीनिवासन ने सोशल साइट लिंकडिन पर ‘स्कॉच-ब्राइट’ के एक पैकेट की तस्वीर डाली और लिखा- पुष्पांजलि बनर्जी ने हाल ही में मेरे साथ स्कॉच-ब्राइट के पैक की एक फोटो शेयर की है और जब मैंने इसे देखा तो मैं अपना ध्यान नहीं हटा पाया। इस पैक पर बिंदी लगाए हुए एक महिला की वेक्टर इमेज हैं। श्रीनिवासन ने आगे लिखा कि कौन-कौन से प्रोडक्ट की पैकिंग पर यह वेक्टर इमेज मौजूद है। उन्होंने बताया, स्क्रब पैड/स्पंज, सिंक ब्रश, झाड़ू, बाथरूम पोंछा, स्टेनलेस स्टील स्क्रब, टॉयलेट ब्रश जैसे प्रोडक्ट पर यह इमेज है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा - यह 2020 है और इसमें इस तरह के जेंडर मार्कर अजीब और बेकार लगते हैं। मुझे यकीन है कि 3एम के लोग इस लीगेसी लोगो पर ध्यान देंगे और इसे अपडेट करेंगे।
जी हां, कार्तिक श्रीनिवासन ने सीधे सवाल स्कॉच ब्राइट से पूछा कि इन प्रोडक्ट्स के लोगो को देखकर साफ लगता है कि घर के जितने भी काम हैं, जैसे- झाड़ू, पोंछा, बर्तन या साफ-सफाई यह सिर्फ महिला का काम है। हमारा ये बिल्कुल मानना नहीं है कि यह केवल महिला का काम है। यह हमारी सामाजिक जवाबदेही बनती है कि समाज में हमारे द्वारा कोई गलत संदेश न फैले।’ श्रीनिवासन के पोस्ट पर लिंकडिन पर बहस शुरू हो गई। लोगों ने अपनी राय शेयर करना शुरू कर दिया।
कंपनी ने तुरंत मानी गलती
श्रीनिवासन की इस पोस्ट पर स्कॉच-ब्राइट के मार्केटिंग हेड अतुल माथुर ने तुरंत संज्ञान लिया और गलती मानी। उन्होंने तुरंत जवाब में लिखा- आपने सही समझा कि यह एक लीगेसी वेक्टर है और यकीनन ही अब समय है कि इसमें बदलाव लाकर आगे बढ़ा जाए। इस पर गौर करते हुए, हमने बाहरी तौर पर बदलाव शुरू कर दिए हैं।
माथुर ने कहा, कि वह कंपनी के अंदर ब्रांड के लोगो वेक्टर को चेंज करने के लिए काम करेंगे और कुछ महीनों में इसे बदल दिया जाएगा।
बदल रही सोच
‘स्कॉच-ब्राइट’ को लेकर हुईं पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग इस पोस्ट को काफी तेजी से शेयर कर रहे हैं। लिंकडिन पर बहुत से यूजर्स ने माथुर के जल्द और उपयुक्त जवाब देने की सराहना की और साथ ही उम्मीद जताई कि यह बदलाव समाज में लिंग को लेकर होने वाले भेदभाव को रोकेगा। एक यूजर ने लिखा है कि यह बदलाव समाज में लिंग को लेकर होने वाले भेदभाव को कुछ हद तक रोकेगा। वहीं, दूसरे यूजर का कहना है कि इस तरह के पोस्ट ने तो मेरी आंखें ही खोल दी हैं। एक ने लिखा-घर एक औरत और एक आदमी से बनता है। दोनों की ही जिम्मेदारी है कि वो अपने घर को खूबसूरत बनाने और साफ-सुथरा रखने के लिए एक-दूजे की मदद करें। आदमी भी बर्तन साफ कर सकते हैं और साथ ही झाड़ू-पोंछा भी लगा सकते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.