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चेहरे पर तेजाबी हमला भी नहीं डिगा सका हौसला

Published - Thu 03, Sep 2020

अगर हमारी अंगुली में जरा सा कट भी लग जाए तो हम रोने या चिल्लाने लगते हैं लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जिनके ऊपर तेजाबी हमला कर दिया गया, उसके बाद भी उनके इरादे कमजोर नहीं पड़े। एक बार फिर से वह पूरी मजबूती से समाज में खड़ी हुईं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनीं हुई हैं। इन सभी को यह दर्द अपनों से मिला। एसिड का दर्द तो शायद वक्त के साथ चला जाए लेकिन अपनों से मिला दर्द ताउम्र रहेगा। आइए आगरा की कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में जानते हैं उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी....।

acid surviver

आगरा। तेजाब ने उनके चेहरे को तो झुलसा दिया, लेकिन उनके हौसलों को नहीं डिगा सका। तेजाबी हमले से मिली तकलीफ को इन अपराजिताओं ने अपनी ताकत बनाया। ऐसे हमलों के बाद घर में बंद हो जाने की बजाए इन्होंने समाज की आंखों में आंखें डालकर देखने का विकल्प चुना। यह एसिड अटैक सरवाइवर्स इन दिनों शिरोज में काम कर अपनी जिंदगी को अंधेरे से रोशनी की ओर ले जा चुकी हैं। इन सभी का यह कहना है कि भगवान किसी के साथ ऐसा नहीं करे, जैसा उनके साथ हुआ है। 

रुकैय्या: बहन के देवर ने बर्बाद की जिंदगी

रुकैय्या का अपनी बहन के यहां अलीगढ़ जाना उनकी जिंदगी के लिए नासूर बन गया। बहन के देवर ने रुकैय्या पर शादी करने के लिए काफी दबाव बनाया। जब किसी भी तरह से बात नहीं बनी, तो उसने रुकैया पर तेजाब फेंक दिया और फरार हो गया। काफी दिनों तक इलाज चलने के बाद वह सदमे में रहीं। रुकैया कहती हैं कि मैंने ठान लिया था कि एक बार फिर नए सिरे से जिंदगी शुरू करूंगी। आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं।

मधु कश्यप : शादी का प्रस्ताव ठुकराने पर दी एसिड अटैक की सजा

कई दिनों से परेशान कर रहे युवक विकास ने कॉलेज जाते समय मधु के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। मधु ने प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि वह अलग जाति से हैं, इसलिए परिवार के लोग इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे। इस पर विकास ने मधु के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। मधु कहती हैं कि उन्हें बेचारा सुनना पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने जॉब करने का ठानी। वह कहती हैं कि आज मैं जॉब करके अपने को सुरक्षित महसूस कर रही हूं।

खुशबू : पिता ने अपनी गंदी करतूत छिपाने को तेजाब फेंका 

मूल रूप से अलीगढ़ की रहने वाली और इन दिनों शीरोज में नौकरी कर रहीं खुशबू देवी के पिता उनके चेहरे पर तेजाब फेंककर फरार हो गए। चीखपुकार के बाद कमरे में पहुंचे उनके पति झुलसा चेहरा देखकर घबरा गए। जब तक खुशबू को चिकित्सक के पास ले जाया गया, तब तक उनका चेहरा काफी हद तक झुलस चुका था। खुशबू का कहना है कि उनके पिता को इस बात का डर सताता रहता था कि कहीं मैं उनके गंदे चरित्र की करतूतों का पर्दाफाश न कर दूं, इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। जिसने मेरी हंसती-खेलती जिंदगी को बर्बाद कर दिया। 

रूपा : सौतेली मां ने तीन बार जहर देकर मारने की कोशिश की थी, फिर एसिड डाल दिया 

शिरोज में काम करने वाली रूपा की सौतेली मां ने रात को सोते समय तेजाब फेंक दिया। चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए और उन्हें हास्पिटल ले जाया गया। जब तक रूपा इलाज के लिए पहुंची, तब तक उनका चेहरा पूरी तरह से जल चुका है। रूपा बताती हैं कि तेजाब फेंकने से पहले उनकी सौतेली मां ने उन्हें तीन बार जहर देकर मारने की कोशिश भी की थी। उन्होंने बताया कि मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मेरी सौतेली मां इतना खतरनाक फैसला भी ले सकती है, लेकिन मैं आज अपने पैरों पर खड़ी हूं।

शबनम  : जिस बुटीक से नई शुरूआत की, उसी के मालिक ने तेजाब फेंका

जिस बुटीक पर शबनम ने काम शुरू कर अपना जीवनयापन करना शुरू किया। उसी बुटीक के मालिक ने उनके चेहरे की सुंदरता को तेजाबी अटैक से हमेशा के लिए खराब कर दिया। रात में शबनम के घर में बुटीक संचालक ने घुसकर उनके चेहरे पर तेजाब फेंका और वहां से फरार हो गया। शबनम बताती हैं कि बुटीक संचालक ने उन्हें कई बार शादी का प्रस्ताव दिया। हर बार मेरी ओर से प्रस्ताव ठुकरा दिया गया। आज मैं शिरोज में अपने पैरों पर खड़ी होकर नई जिंदगी शुरू कर चुकी हूं।