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एक रेलवे स्टेशन, जिसे चलाती हैं सिर्फ महिलाएं, यूएन ने वीडियो दुनिया में किया वायरल

Published - Mon 20, May 2019

जयपुर। जयपुर में एक छोटा-सा साफ सुथरा रेलवे स्टेशन है गांधीनगर। वैसे तो यह स्टेशन बाकी स्टेशनों जैसा ही है, लेकिन एक खूबी की वजह से इसने दुनिया में नायाब पहचान बनाई है। दरअसल, गांधीनगर मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसे दिन-रात केवल महिलाएं संचालित कर रही हैं। हाल ही में संयुक्तराष्ट्र ने महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में इसे मील का पत्थर बताया है।

  1. जयपुर। जयपुर में एक छोटा-सा साफ सुथरा रेलवे स्टेशन है गांधीनगर। वैसे तो यह स्टेशन बाकी स्टेशनों जैसा ही है, लेकिन एक खूबी की वजह से इसने

दुनिया में नायाब पहचान बनाई है। दरअसल, गांधीनगर मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसे दिन-रात केवल महिलाएं संचालित कर
रही हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में इसे मील का पत्थर बताया है।
जयपुर-दिल्ली लाइन पर स्थित इस स्टेशन से दिनभर ढेरों ट्रेनें गुजरती हैं। हरी झंडी दिखाती गार्ड से लेकर टिकट चेकर और सफाईकर्मियों के रूप में महिलाओं को देखकर यात्री हैरान होते हैं तो खुश भी। टिकट खिड़कियों पर भी रेलवे की सफेद पोशाक पर गहरे नीले रंग का कोट पहने महिलाएं पूरी मुस्तैदी से अपना काम करते दिखाई देती हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपने टिवटर ​हैंडल पर वीडियो के साथ इस स्टेशन के बारे में विस्तार से लिखा है। यूएन ने लिखा है कि गांधीनगर स्टेशन पर 40 से ज्यादा महिला कर्मचारी हैं, जो पुरुषों से अधिक कारगर ढंग से जिम्मेदारियां निभाती हैं।

 यूएन के अधिकारिक टि्वटर हैंडल पर जारी वीडियो

 

एक माह में बिना टिकट 520 लोगों को पकड़ा
महिला टिकट चेकरों की सख्ती से बिना टिकट यात्रा करने वालों की संख्या कम हुई है और कतारें छोटी हो गई हैं। महिला कर्मियों ने एक माह में 520 लोगों को बिना टिकट ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते पकड़ा, जबकि इसके पिछले बरस पुरुष समकक्षों ने इस तरह के केवल 64 लोगों को पकड़ा था। यही वजह है कि पिछले वर्ष फरवरी में यह स्टेशन रेलवे के महिला स्टाफ के हवाले करने के बाद से यहां की आमदनी बढ़ गई है।
रोज 50 से अधिक ट्रेनें, 7 हजार से ज्यादा यात्री भार
यूएन ने कहा है कि ऐसा देश, जहां रोजगार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 27 प्रतिशत है वहां महिलाओं द्वारा पूरे रेलवे स्टेशन को संभालना मील का पत्थर है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। गांधीनगर स्टेशन से हर रोज 50 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं और सात हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है।
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समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रयास
गांधीनगर रेलवे स्टेशन भारत का पहला गैर-उपनगरीय रेलवे स्टेशन है, जिसे दिन-रात पूरी तरह महिलाएं संचालित कर रही हैं। नियमित कामकाज के अलावा रेलवे सुरक्षा बल का दायित्व भी महिला कर्मियों पर है। यह महिला सशक्तीकरण और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में रेलवे का एक प्रयास है।    - पीयूष गोयल, रेल मंत्री