दिल्ली की पांच महिलाओं ने ‘काकुल’ नाम का एक ऐसा मंच शुरू किया है, जहां मिलने वाला हर उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल है। यहां हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है।
नई दिल्ली। दिल्ली की दिव्या राजपूत, क्रिस्टीना ग्रोवर, पूजा अरोड़ा, सुरभि सिन्हा और आस्था वो महिला उद्यमी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया है। जो उनके के जीवन की दिशा-दशा बदलने के साथ-साथ अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत है। वह इसकी मदद से हर महीने लाखों रुपये कमाती हैं। उनकी संस्था ‘काकुल’ में हेडमेड सामान बेचा जाता है।
जब लगा झटका
‘काकुल’ को शुरू का आइडिया इन महिलाओं की दोस्त काकुल रिजवी का था, जो एक मार्केटिंग प्रोफेशनल थीं। 2018 में सभी प्रोजेक्ट की तैयारी कर रही थीं, लेकिन उस समय सभी को ये सुनकर झटका लगा कि उन्हें कैंसर हैं। इस दौरान सभी दोस्तों ने उनकी पूरी मदद की और पाया कि इलाज के दौरान जैविक उत्पादों को खोजने में काफी दिक्कत होती है। यहीं से सभी ने एक ऐसा मंच बनाने का सोचा, जो जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, बिजनेस के क्षेत्र में महिलाओं को भी प्रोत्साहित करने में मदद दे। सभी ने मिलकर इसपर काम शुरू किया। उन्होंने सितंबर 2019 में अपने वेंचर की शुरुआत की। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि जिस दिन उनकी कंपनी शुरू हुई, काकुल रिजवी का निधन हो गया।
इस तरह करते हैं काम
महिला दोस्तों का ये ग्रुप अपनी यूनिट में बने बायोडिग्रेडेबल स्टेशनरी, एग्री वेस्ट मग, जूट और कैनवास बैग, हर्बल इम्यूनिटी बूस्टर जैसे उत्पादों के बेचते हैं। इसके अलावा प्राकृतिक रूप से तैयार शहद, मसाले जैसी कई चीजे भी आपको यहां मिल जाएंगी। काकुल के मंच पर फिलहाल सौ से अधिक उत्पाद हैं और उनके साथ 15 वेंडर प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहें हैं। जिनसे करीब 200 महिलाएंजुड़ी हुईं हैं।
तैयार किया एक अनोखा मॉडल
काकुल की टीम ने एक ऐसा ‘सब्सक्रिप्शन मॉडल’ तैयार किया, जिसकी मदद से एक हजार रुपये में कोई भी महिला उनके प्लेटफॉर्म पर सब्सक्राइब कर अपना उत्पाद बेच सकती है। लेकिन शर्त यही है कि उत्पाद जैविक होना चाहिए। आज उनके प्लेटफॉर्म पर देशभर से ग्राहक जुड़ रहे हैं। फिलहाल काकुल की टीम बी2बी मार्केट पर अपना ध्यान लगा रही है, ताकि कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सके। काकुल के पास हर महीने पचास रुपये से पांच हजार तक के ऑर्डर आ जाते हैं। उनके ग्राहकों में दिल्ली, यूपी, हरियाणा, मुंबई आदि शहरों के लोग हैं।
कमाई भी समाज सेवा भी
काकुल के पास आपके जरूरत और बजट के हिसाब से कई उत्पाद हैं। साथ ही यहां के सभी उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं और इससे महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। ये प्लेटफॉर्म महिलाओं के जैविक उत्पादों के लिए एक मंच तो प्रदान कर रही रहा है, साथ ही इसकी कमाई का कुल दस फीसदी कैसर पीड़ितों के इलाज पर खर्च किया जाता है। कंपनी में मार्केटिंग और ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभालने वाली आस्था कहती हैं कि उन्होंने अपने बिजनेस को ऑनलाइन शिफ्ट करने का फैसला किया, जो सफल साबित हुआ।
मिलकर की मेहनत
सभी ने इस बिजनेस को शुरू करने में मिलकर मेहनत की महज अस्सी हजार रुपये की लागत से शुरू किया गया ये बिजनेस आज एक लाख रुपये प्रतिमाह की कमाई कर रहा है। बिजनेस शुरू करने के लिए लगे पैसे सभी महिलाओं ने मिलकर जमा किए थे। शुरुआत में कई चुनौतियां मिलीं, लेकिन उसका डटकर मुकाबला किया गया। फिलहाल ‘काकुल’ सभी से पर्यावरण बचाने, प्लॉस्टिक का इस्तेमाल रोकने की अपील करने के साथ-साथ जैविक और हेंडमैड उत्पादों को बढ़ावा देने की भी अपील करता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.