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महिलाओं को कानून देता है हक, दिन ढलने के बाद पुलिस नहीं कर सकती गिरफ्तार

Published - Mon 24, Jun 2019

आईपीसी की धारा 46 (4) के तहत किसी भी अपराध में महिलाओं आैर बच्चों को दिन ढलने के बाद आैर सुबह सूर्य निकलने से पहले पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती।

women rights

नई दिल्ली। भारतीय संविधान ने महिलाओं को कई  अधिकार दिए हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है। ऐसा ही एक  अधिकार महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर उन्हें मिला है। दरअसल, आईपीसी की धारा 46 (4) के तहत किसी भी अपराध में महिलाओं आैर बच्चों को दिन ढलने के बाद आैर सुबह सूर्य निकलने से पहले पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। ऐसा करने वाले पुलिस अफसर या कर्मचारी पर निलंबन के साथ बर्खास्तगी की भी कार्रवाई हो सकती है। नियम के मुताबिक महिला की गिरफ्तारी के दौरान महिला पुलिसकर्मी का होना भी आवश्यक है। उन्हें रात में किस जगह रखना है यह भी पुलिस को पहले ही सुनिश्चित करना होता है। कुछ दिनों पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जिसमें सीबीआई को बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा था।

यह था मामला
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य अभियुक्त हीरा कारोबारी और भगोड़ा घोषित हो चुका नीरव मोदी की एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट कविता मनकिकर की गिरफ्तारी सीबीआई ने रात में की थी। इसे कोर्ट में चुनौती देते हुए कविता ने कानूनन गलत बताया था। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच के जस्टिस जे काठावाला और भारती डांगरे ने उनके दावे को स्वीकार करते हुए उनकी गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के बाद रिमांड को खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं बेंच ने सीबीआई पर नियमों के उल्लंघन के लिए 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही गिरफ्तारी करने वाली टीम के अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सुझाव दिया था।

महिलाओं की गिरफ्तारी के क्या हैं नियम
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता हिमांशु शेखर त्रिपाठी के मुताबिक कानून में महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर विशेष नियम हैं। हिमांशु क​हते हैं, कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें महिला को गिरफ्तार करने के बाद उनके साथ यौन हिंसा और प्रताड़ना जैसी अमानवीय घटनाएं हुईं। उनके मुताबिक मामला चाहे जो भी किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे के पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अपराध बहुत ही संगीन हो तो महिला को हाउस-अरेस्ट किया जा सकता है, लेकिन शर्त यह है कि यह काम भी महिला पुलिस ही करे। पुलिस किसी महिला को दिन ढलने के बाद पुलिस स्टेशन भी नहीं बुला सकती।

यह करना होगा पुलिस को
- यदि किसी रिपोर्ट के सिलसिले में पुलिस को महिला से पूछताछ करनी है और दिन ढल चुका है तो पुलिस को ही उसके घर जाना होगा
- महिला की जांच एक महिला पुलिसकर्मी ही कर सकती है। कोई पुरुष पुलिसकर्मी, किसी भी सूरत में उसे हाथ नहीं लगा सकता।
- यदि कोई नाबालिग बच्ची है तो उसकी जांच-पड़ताल के दौरान उसके माता-पिता या अभिभावक का मौजूद होना अनिवार्य है। नाबालिग की जांच के दौरान पुलिस ये कभी नहीं बोल सकती कि माता-पिता को कहीं और जाना होगा।

ये भी हैं अधिकार
- हथकड़ी का कानून महिलाओं के लिए नहीं है। कानून के तहत हथकड़ी तब तक नहीं लगाई जा सकती जब तक कि गिरफ्तार करने आए अधिकारी के पास कोर्ट का आदेश न हो।
- यदि कोई महिला गिरफ्तारी के दौरान गर्भवती है तो वह अपने साथ किसी सहयोगी की मांग कर सकती है।
- यदि कोई मेडिकल जांच होनी है तो महिला अपने किसी विश्वासपात्र को अपने साथ रख सकती है। इसमें सबसे अहम ये है कि मेडिकल जांच में जो भी निकल के आता है उस पर डॉक्टर के हस्ताक्षर होना जरूरी है।
- यदि कोई रिपोर्ट 24 घंटे देरी से आती है तो उसमें इस देरी का कारण भी लिखा होना चाहिए।
- गिरफ्तारी के दौरान महिला गिरफ्तार करने आए अधिकारी से उस धारा के बारे में पूछ सकती है जिसके तहत उसे गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस को ये बताना अनिवार्य होता है कि गिरफ्तारी के बाद उस महिला को कहां रखा जाएगा।
- 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना अनिवार्य है.