लखनऊ की जया तिवारी ने रॉक बैंड 'मेरी जिंदगी' इसलिए बनाया था कि देश की बेटियों में आत्मविश्वास जगाया जा सके कि वो किसी से कम नहीं हैं।
लखनऊ। वैसे तो रॉक बैंड अमूमन पुरुषों की ही संपत्ति मानी जाती है, लेकिन इस खेमे में महिलाओं ने भी सेंध लगा दी है। जी हां एक बैंड ऐसा भी है, जो सिर्फ महिलाएं ही चलाती हैं। ये बैंड उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से संचलित होता है और इसको बनाने वाली हैं जया तिवारी। जया के बैंड की सभी सदस्य महिलाएं ही हैं। ये सभी अपने-अपने हुनर में पारंगत हैं और जब धुन छेड़ती हैं तो सामने वाला थिरकने के लिए मजबूर हो जाता है।
जया को ऐसे आया विचार
बैंड को बनाने वाली जया तिवारी ने कई मौकों पर देखा कि बैंड के नाम पर अक्सर स्टेज पर लड़के ही नजर आते हैं। अगर उनकी टीम में कोई लड़की होती भी है, तो वो साइडलाइन ही होती है। ऐसे में उन्होंने तय किया कि वो एक ऐसा बैंड बनाएंगी, जिसमें सिर्फ और सिर्फ लड़कियां ही होंगी और इस तरह उनके बैंड की नींव रखी गई।
आपके अंदर है एक शक्ति
इस बैंड को बनाने के पीछे जया का मकसद सिर्फ इतना है कि वो महिलाओं को बेटियों को यह बताना चाहती हैं कि आपके अंदर भी एक शक्ति है, जिसे पहचानकर उन्हें आगे बढ़ना है। उनके बैंड का मकसद महिलाओं को ये महसूस कराना है कि वो बिल्कुल फ्री हैं और अपने मन से जो करना चाहें कर सकती हैं। बैंड की लीड मेंबर जया तिवारी सिंगर, लिरिक्स कंपोजर भी हैं। उनके बैंड में निहारिका दुबे, पूर्वी, उत्सवी, शगुन आदि भी हैं। जया खुद एक मशहूर रेडियो जॉकी भी हैं। वह लखनऊ की बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी में कल्चरल हेड के तौर पर भी काम कर रही हैं साथ ही रंगमंच से भी वो जुड़ी हैं। जया का ये बैंड महिला उत्थान के लिए जागरुकता फैलाने के साथ-साथ आत्मविश्वास जगाने की दिशा में भी काम कर रहा है।
भारत का पहला फीमेल मिशन रॉक बैंड
जया का बैंड जब स्टेज पर परफॉर्मेंस देता है तो हर कोई थिरकने पर मजबूर हो जाता है। फिल्मी गीतों को गाने के साथ-साथ जया का बैंड गीतों के माध्यम से ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का संदेश देता भी नजर आता है। लखनऊ का ये फीमेल मिशन रॉक बैंड महिलाओं द्वारा बनाया भारत का पहला मिशन फीमेल रॉक बैंड है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.