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अधिकार जानें, जीतें लड़ाई

Published - Tue 08, Jan 2019

महिलाओं को बताए अधिकार

मऊ। अधिकारों की जानकारी होने पर महिलाएं हर लड़ाई जीत सकती हैं। जागरूकता से ही उनको कानूनी रूप से मिले अधिकारों के बारे में जानकारी मिलेगी। क्योंकि भारतीय संविधान में महिलाओं को न्याय दिलाने की प्राथमिकता दी गई है। बशर्ते महिलाएं समय रहते उसका उपयोग करें, लेकिन अधिकारों का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए। अमर उजाला के अपराजिता अभियान के तहत 4 जनवरी को राजवती रेस्टोरेंट में महिलाओं के उत्थान में कानून का योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें महिला अधिवक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। महिला अधिवक्ता लाल मुनि यादव ने कहा कि समाज में फैली बुराई के लिए भी महिला ही जिम्मेदार है। बच्चे को पहला संस्कार उसकी मां से मिलता है। तेज तर्रार और बोल्ड महिला यदि मां होगी तो अपने बच्चों के परवरिश में भी वही संस्कार देगी। जो समाज को बदलने में सहायक होगा। महिला अधिवक्ता शहर बानो ने कहा कि आज वो अधिवक्ता बनी है तो परिवार का सहयोग और अपनी मर्जी शामिल रही। यदि हम सही और स्वावलंबी बनेंगे तो खुद ब खुद समाज और कानून महिलाओं का सहयोग करेगा। रश्मि अग्रवाल, किरन सिंह, निर्मला यादव, हुमा रिजवी, पूनम मौर्या ने कहा कि यदि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगी तो निश्चित तौर पर अच्छे बुरे में फर्क करके कानूनी लड़ाई लडऩे में सहूलियत मिलेगी। यह तभी संभव है जब वह शिक्षित हो तथा परिवार का सहयोग मिले। नूतन राय और किरन भारद्वाज ने कहा कि कानून महिलाओं के साथ है ऐसे में महिलाओं को अपराजित बनने की जरूरत है। (4-1-19)