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अपराजिता: बेसहारों की मदद को आगे आ रहीं महिलाएं

Published - Fri 03, Apr 2020

लहरगिर्द में महिलाओं का समूह जरूरतमंदों की मदद के लिए भोजन बनाने में जुटा है। महिलाएं घर के काम पूरे करने के बाद कॉलोनी की महिलाएं एक घर में बैठकर पुलिसकर्मियों और जरूरतमंदों के लिए भोजन तैयार करती हैं।

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झांसी। लॉकडाउन में बेसहारों की मदद के लिए हर कोई आगे आ रहा है। आधी आबादी की कोरोना की जंग में मनोयोग से जुटी हुई है। महानगर में तमाम समाजसेवी संगठन बेसहारों को राशन और भोजन का वितरण कर रहे हैं। इसमें महिला शक्ति बढ़-चढ़कर मदद कर रही है। महिलाएं घरों में बेसहारों के लिए भोजन बना रही हैं। कई जगहों पर महिलाएं समूह में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मजदूरों के लिए भोजन तैयार कर रही हैं। कई जगहों पर घरों से राशन सामग्री एकत्र कर महिला संगठन गरीबों के लिए पैकेट बना रहे हैं। शहर के नंदनपुरा क्षेत्र में महिलाएं लॉकडाउन में गरीबों की मदद के लिए आगे आई हैं।
लहरगिर्द में महिलाओं का समूह जरूरतमंदों की मदद के लिए भोजन बनाने में जुटा है। महिलाएं घर के काम पूरे करने के बाद कॉलोनी की महिलाएं एक घर में बैठकर पुलिसकर्मियों और जरूरतमंदों के लिए भोजन तैयार करती हैं। आपस मेें लॉकडाउन की चर्चा के साथ कोई पूड़ी तैयार करता है, तो कोई सब्जी काटता है। इसके साथ ही, शाम को लंच पैकेट का वितरण करने महिलाओं की टोली निकलती है। अपने पतियों के साथ महिलाएं अब तक महानगर में 300 से अधिक भोजन के पैकेट वितरित कर चुकी हैं। महिलाओं का कहना है कि कोरोना से लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं।

कहती हैं महिलाएं

  • वैश्विक महामारी में सबका एकजुट होना जरूरी है। जरूरतमंदों की मदद के लिए भोजन के पैकेट बना रहे हैं। ताकि कोई भूखा न रहे। - रेखा शुक्ला
  • कोरोना की जंग में हम ज्यादा कुछ तो कर नहीं सकते, लेकिन कम से कम जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं। इससे मन को शांति मिलती है। - अनीता सिंह
  • जरूरतमंदों की मदद के लिए भोजन के पैकेट बनाकर वितरित कर रहे हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। - राधा अवस्थी
  • कोरोना से लोगों को बचाने के लिए पुलिसकर्मी लगे हुए हैं। उनको भी भोजन वितरित करते हैं। उनके कर्तव्य से सब सुरक्षित हैं। - अंजू
  • जरूरतमंदों की मदद पुण्य का काम है। लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए लोगों के लिए भोजन तैयार करते हैं। यह अच्छा लगता है। - नमृता केशवानी
  • लॉकडाउन में लोगों को सबसे ज्यादा भोजन की कमी महसूस होती है। हमारी पहल से किसी की भूख शांत हो जाए, यही प्रयास रहता है। - सुदेवी सिंह