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बेटियों पर भरोसा तो करिए, जीत के दिखाएंगी जहां

Published - Thu 05, Mar 2020

अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत आयोजित कार्यक्रम में बेटियों ने पुरुषवादी सोच को दिखाया आईना

aparajita event Pithoragarh

पिथौरागढ़। ‘बेटियों को बोझ समझने के बजाए उन्हें अच्छी शिक्षा देकर और उन पर भरोसा करके तो देखिए, वह जहां जीतकर दिखाएंगी।’ यह बातें अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बेटियों ने कहीं। इस दौरान तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त हेमा थलाल ने कहा कि बेटियों ने आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करें।
पिथौरागढ़ के पांडेगांव स्थित केदार कॉलोनी में आयोजित अपराजिता कार्यक्रम में हेमा ने महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर बताए। उन्होंने महिलाओं को ब्यूटी पार्लर और आशा ने सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि उद्यम शुरू करने वाली महिलाओं को बैंक ऋण प्रदान करता है। प्रधानमंत्री कौशल योजना सहित तमाम लाभकारी योजनाएं महिलाओं के लिए शुरू की गई हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना चाहिए।

  • बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं समझना चाहिए। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं। हर माता-पिता ने अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास करने चाहिए। - दुर्गा जोशी।
  • बेटी पराया धन हैं जैसी सोच रखने वाले जब तक अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे, तब तक बेटियां आत्मनिर्भर नहीं बनेंगी। आज कई क्षेत्र में बेटियां मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। - बीना पंत।
  • पहले महिलाएं केवल चूल्हा-चौकी तक सीमित थीं लेकिन आज प्रशासन, राजनीति, शिक्षा, खेल और विज्ञान समेत हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी पहचान बनाई है। - भागीरथी देवी।
  • शिक्षा ने लोगों की सोच बदली है। कभी पुरुषों पर निर्भर रहने वाली महिलाएं आज स्वयं का व्यवसाय कर रही हैं। पुरुषों को भी महिलाओं को प्रेरित करने की जरूरत है। - निर्मला भट्ट।
  • लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। हर माता-पिता को बेटों की तरह बेटियों पर भी भरोसा करना चाहिए। बेटियों को कभी की बोझ नहीं समझना चाहिए। - रंजना भट्ट।
  • बेटियों को भी बेटों के बराबर अवसर मिलने चाहिए। बेटियां हर क्षेत्र में सफल हैं। माता पिता भरोसा तो करें बेटियां जहां जीत सकती हैं। - पूजा लोहनी।
  • अच्छी शिक्षा समाज को अच्छी दिशा दे सकती है। नारी को यदि सक्षम और आत्मनिर्भर बनना है तो उन्हें शिक्षित होना होगा। शिक्षित नारी आत्मनिर्भर बन सकती है। - मंजू देेवी।
  • शिक्षा ही महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाई है। आज समाज शिक्षित है तो सोच में बदलाव आया है। शिक्षा ही महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में बदलाव लाएगी। - हेमलता पांडेय।
  • आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा दिखाई है। बेटियों को शिक्षा, रोजगार सहित हर जगह बराबर अवसर मिलने चाहिए। - विनीता जोशी।  
  • बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है। किसी को भी बेेटियों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रयास करने होंगे। - आनंदी मेहता।