आजमगढ़ के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में शुक्रवार को अमर उजाला अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स और मिशन शक्ति के तहत वीमेन काउंसिलिंग वर्कशाप का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न अधिकारियों ने महिलाओं और छात्राओं की जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ उनके अधिकारों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
आजमगढ़। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में शुक्रवार को अमर उजाला अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स और मिशन शक्ति के तहत वीमेन काउंसिलिंग वर्कशाप का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न अधिकारियों ने महिलाओं और छात्राओं की जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ उनके अधिकारों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
मुख्य अतिथि सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला ने छात्राओं से कहा कि यदि आपके साथ, आपके आसपास या फिर किसी रिश्तेदार के साथ अपराध होता है तो इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर तत्काल दें। इसे छिपाएं नहीं। उन्होंने आपातकालीन नंबर 112, वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 1091, चिकित्सीय सहायता के लिए 108 व चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में जानकारी दी। कहा कि महिलाएं खुद को कमजोर न समझें। उन्होंने राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना की जानकारी दी। बताया कि समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कोटे की दुकान आवंटन, बिजली बिल की वसूली सहित तमाम कार्यों से जोड़ा गया है। जिले की करीब एक लाख 35 हजार महिलाओं को इसका लाभ दिया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने सुनीता विलियम्स व कल्पना चावला का उदाहरण देते हुए रोल मॉडल बनने के लिए प्रेरित किया। महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने भी महिला अपराध पर छात्राओं से बात की। सेंटर मेजर नीलम पांडेय व मनोचिकित्सक परामर्शदाता शिवाली त्रिपाठी ने महिला अपराध व साइबर अपराध से संबंधित जानकारी छात्राओं को दी। हेल्पलाइन नंबरों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी बीएल यादव और महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। आयोजन में छात्राओं, महिला शिक्षकों और अन्य को मिलाकर कुल 50 लोगों ने भागीदारी की।
छात्राओं के सवाल और जवाब
सवाल - अपराजिता क्या है? छात्रा अल्पना कुमारी।
जवाब - जिसकी कभी पराजय न हो उसे अपराजिता कहते हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की झिझक खत्म करना है, ताकि वह खुलकर अपनी बात रख सकें। - सुधा सिंह, प्रधानाचार्य, जीजीआईसी।
सवाल - साइबर क्राइम क्या है। - अमृता, छात्रा।
जवाब - किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना साइबर अपराध है। - शिवाली त्रिपाठी, मनोचिकित्सक, परामर्शदाता।
सवाल- कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए कहां आवेदन फार्म प्राप्त करें और कहां जमा करें। - प्रिया यादव छात्रा।
जवाब - खंड विकास अधिकारी कार्यालय, उपजिलाधिकारी कार्यालय, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय व उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकती हैं। - प्रीति उपाध्याय, महिला कल्याण अधिकारी।
सवाल- जो दो भाई बहन हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा? - अंकिता मौर्य
जवाब- किसी परिवार की अधिकतम दो बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। - नीलम पांडेय, सेंटर मेजर।
सवाल- छेड़खानी की शिकायत कहां करें। - खुशबू गोंड, छात्रा।
जवाब - इसकी शिकायत महिला हेल्प लाइन नंबर पर करें और इसकी जानकारी अभिभावक व स्कूल के प्रिंसिपल को दें। - शिवाली त्रिपाठी, परामर्शदाता।
सवाल- कन्या सुमंगला योजना का लाभ कब से मिलता है। - बंदना, छात्रा।
जवाब- बालिका के जन्म होने से लेकर स्नातक की पढ़ाई तक। - नीलम पांडेय, सेंटर मेजर।
सवाल- मिशन शक्ति का उद्देश्य क्या है। - मणिमुक्ता श्रीवास्तव, छात्रा।
जवाब- मिशन शक्ति का उद्देश्य घरेलू हिंसा, महिलाओं के अधिकारों और विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी देना है। ताकि महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर अंकुश लग सके। - प्रीति उपाध्याय, महिला कल्याण अधिकारी।
सवाल- हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने पर कितने देर में मदद मिलेगी। - निशा, छात्रा।
जवाब- मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर पर फोन करेंगी तो दस से 15 मिनट के अंदर मदद मिलेगी। संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी। - शिवाली त्रिपाठी, परामर्शदाता।
सवाल- क्या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायतकर्ता का नाम व पता उजागर किया जाएगा। - अनुपमा
जवाब - हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने वाली पीड़ित महिला या छात्रा का नाम गोपनीय रहेगा। ताकि उसे किसी प्रकार की समस्या न हो। - नीलम पांडेय, सेंटर मेजर।
सवाल- एंटी रोमियो टीम क्या है। - अंजलि, छात्रा।
जवाब- किसी महिला के साथ छेड़खानी होती है या मनचले परेशान करते हैं तो उनपर अंकुश लगाने के लिए एंटी रोमियो टीम बनाई गई है। - शिवाली त्रिपाठी, परामर्शदाता।
अमर उजाला के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। यह अमर उजाला की सराहनीय पहल है। इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए। इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करने से महिलाओं के अपने अधिकारों के बारे में जानकारी मिलेगी।
- सुधा सिंह, प्रधानाचार्य, जीजीआईसी, आजमगढ़।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.