80 कैडेटों ने शपथ पत्र भरे, देश की रक्षा को सीमा पर जाने की इच्छा जताई
लोहाघाट (चंपावत)। अमर उजाला द्वारा चलाए गए अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत राजकीय पीजी कॉलेज में एनसीसी कैडेटों को सेना में भर्ती होने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए। इस दौरान एनसीसी के 80 कैडेटों ने शपथ भरकर महिला गरिमा को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली। कैडेटों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे देश की रक्षा के लिए सीमा पर जाने को तैयार हैं।
80 यूके बटालियन एनसीसी पिथौरागढ़ के कर्नल पराग पांडेय, सूबेदार मेजर सुंदर सिंह के दिशा-निर्देशन में लोहाघाट से आए सूबेदार प्रेम सिंह द्वारा एनसीसी कैडेटों को गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सूबेदार प्रेम सिंह ने कैडेटों को सेना में भर्ती होने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए। बताया कि सेना में भर्ती होने के लिए 1600 मीटर की दौड़ पांच मिनट में तय करनी पड़ती है। सेना भर्ती के लिए यह पहला और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है। दौड़ पास करने के बाद युवाओं को 10-12 चिनअप, नौ फीट की कूद और चिकित्सकीय परीक्षण से गुजरना पड़ता है। मेडिकल पास होने के बाद लिखित परीक्षा में मेरिट के आधार पर युवाओं का चयन किया जाता है। उन्होंने युवाओं को मातृ शक्ति का सम्मान करने की नसीहत दी।
80 कैडेटों में 26 छात्राएं
लोहाघाट (चंपावत)। पीजी कॉलेज में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में छात्रा कैडेट भी पूरे जोश के साथ भाग ले रही हैं। प्रशिक्षण में शामिल कुल 80 कैडेटों में से 26 छात्रा कैडेट हैं। सूबेदार प्रेम सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस कैंप के लिए नौ कैडेटों का चयन किया गया है। ये कैडेट अगले साल 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली परेड में उत्तराखंड की टीम का हिस्सा बनेंगे। कैंप के लिए चयनित कैडेटों में मोनिका बोरा, अंकिता फर्त्याल, अंजलि पंत, अंजलि बोरा, सिमरन, पंकज कुमार, रोहित चिलकोटी, सुनीता बोरा, प्रकाश सिंह आदि शामिल हैं।
फौज के चयन में बाधा बन रहा है युवाओं की नशाखोरी: सूबेदार प्रेम
लोहाघाट (चंपावत)। एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण दे रहे सूबेदार प्रेम सिंह का कहना है कि सेना में उत्तराखंड के जवान अपनी जांबाजी और वीरता के लिए मशहूर हैं लेकिन आज की युवा पीढ़ी लगातार नशे के दलदल में फंस रही है। सेना की भर्ती में अधिकतर युवा दौड़ में ही बाहर हो जा रहे हैं। नशे की लत के कारण उनकी दौड़ने की क्षमता बहुत कम हो गई है। उनका कहना है कि नशा युवाओं को शारीरिक रूप से खोखला कर रहा है। युवा स्मैक, चरस, शराब, बीडी, सिगरेट के अभ्यस्त होते जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की नसीहत देते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों की हरकतों पर नजर रखने पर जोर दिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.