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खुद को सशक्त बनाकर ही बना जा सकता है अपराजिता

Published - Fri 23, Aug 2019

अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज की छात्राओं को किया जागरूक

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रुद्रपुर। अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत मंगलवार को श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज रुद्रपुर में छात्राओं के लिए घरेलू हिंसा व महिला अधिकारों पर कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें छात्राओं को महिला अधिकारों और कानून की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में 86 छात्राओं ने अपराजिता के संकल्प पत्र भरे।
श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज के सभागार में सखी वन स्टॉप सेंटर के सहयोग से कार्यशाला आयोजित हुई। सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी कविता बडोला ने बताया कि शारीरिक दुर्व्यवहार, भावनात्मक हिंसा व आर्थिक हिंसा की शिकार कोई भी पीड़ित महिला सखी वन स्टॉप सेंटर में अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है। कहा कि जब तक महिलाएं घरेलू हिंसा का विरोध नहीं करेंगी तो समाज से इन कुरीतियों को नहीं हटाया जा सकता। वहां श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज के डायरेक्टर एएस चावला, सीमा गुणवंत, रजनी छिमवाल, रीना जोशी, प्रिया गुप्ता, नाजिया बानो, आंचल जुनेजा, एकता, अस्मीत कौर, परविंदर कौर, सिमरन पाल, डॉ. नीरज जायसवाल, अजय यादव, गौरव मिश्रा, संदीप त्रिपाठी, आलोक श्रीवास्तव, आनंदराम, अखिलेश कुमार आदि थे।

  • छात्राओं को महिला कानूनों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इससे महिलाओं को सामाजिक जीवन और अपने कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। - डॉ. भावना कपूर, प्रधानाचार्य, श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज।
  • महिलाओं को अन्याय से हार नहीं मानना चाहिए। उन्हें हिम्मत के साथ समस्याओं का सामना करना चाहिए। इससे वह घर और समाज में एक मुकाम हासिल कर सकेगी। - डॉ. विनीता पांडे, विभागाध्यक्ष बीए, श्री गुरुनानक डिग्री कॉलेज।
  • महिलाओं को आत्मनिर्भर होना चाहिए। इससे वह घरेलू हिंसा का डट कर मुकाबला करने के साथ ही समाज में खुद को साबित भी कर सकती है। - दीपा जोशी, अलिशा अली, छात्राएं
  • महिलाओं को अपने आत्मसम्मान के लिए संघर्ष करना चाहिए। समाज व परिवार में महिलाओं के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। - आकांक्षा सिंह, प्रतिभा छात्राएं
  • समाज में महिलाओं को ही अत्याचार और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। खुद को सशक्त बनाकर ही महिलाएं इन सब कुरीतियों का सामना कर सकती हैं। - सुप्रिया, अनीशा