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‘घर में बेटी के जन्म पर उत्सव मनाना होगा’

Published - Sun 04, Aug 2019

समाज में महिलाओं की स्थिति तभी बदलेगी जब वह आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी। इसके लिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ स्वरोजगार पर भी ध्यान देना होगा।

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गाजीपुर। समाज को सही दिशा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का काम हमेशा से ‘अमर उजाला’ अखबार करता रहा है। महिलाओं को अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए समाज को दोष देने के बजाय बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। सबसे पहले हमें अपने सोच बदलनी होगी। घर में बेटी के जन्म पर उत्सव मनाना होगा। यही नहीं, अपराजिता के साथ स्वच्छता और नशा उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। ये बातें बुधवार को केंद्रीय विद्यालय में आयोजित अपराजिता के तहत आयोजित संगोष्ठी और आत्मरक्षा शिविर में विद्यालय के प्रधानाचार्य केश्वर प्रसाद ने कही।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बेटियों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं दिखा रही है। बेटी का जन्म होने पर वह खुद सबसे पहले दु:खी होती हैं। इस मानसिकता में बदलाव केवल कानून बनाने से नहीं हो सकता, बल्कि हम सभी को तय करना होगा कि बेटी के जन्म पर भी वैसा ही उत्सव मने जैसे बेटे के जन्म पर मनाया जाता है। शिक्षिका अनामिका ने कहा कि समाज में महिलाओं की स्थिति तभी बदलेगी जब वह आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी। इसके लिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ स्वरोजगार पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने पर जोर दिया। कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में शराब पीने की बढ़ती प्रवृत्ति के चलते गरीब परिवारों की महिलाओं को तकलीफें झेलनी पड़ती हैं, लेकिन प्रशासन का सहयोग न मिलने से इस पर रोक नहीं लग पा रही है। ऐसे में महिलाओं को एकजुट होकर इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करना होगा। इस दौरान छात्राओं को आत्मरक्षा केबारे में भी जानकारी दी गई। इस इस दौरान डेमो (प्रदर्शन) सुनील कुमार गुप्ता, नीतेश रावत, शिक्षक पुरुषोत्तम मिश्रा, जितेंद्र तिवारी, धनराज मित्तल, संतोष कुमार, बैजनाथ प्रसाद, नीरज राय, अवशेष प्रकाश, शिवप्रकाश, अनामिका, इंद्राराशन राम, हरेराम शर्मा, पूर्णिमा वर्मा, रामबचन राम, विवेक, आलोक कुमार, विजय, पुष्पा राय, अन्नपूर्णा तिवारी, नूरजहां, सीपी राम, कमला सिंह, जितेंद्र यादव तथा संचालन नीरज राय आदि रहे।