भारत स्वाभिमान न्यास के सहयोग से वार्ड नंबर- 2 कुंभीचौड़ के पंचायत भवन में बाल अपराध और महिला सशक्तीकरण पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने महिलाओं और बेटियों को उनके अधिकारों और कानून की जानकारी दी।
कोटद्वार। अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत भारत स्वाभिमान न्यास के सहयोग से वार्ड नंबर- 2 कुंभीचौड़ के पंचायत भवन में बाल अपराध और महिला सशक्तीकरण पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने महिलाओं और बेटियों को उनके अधिकारों और कानून की जानकारी दी। कहा कि बेटियां जागरूक और निडर होकर ही अपराजिता बनेंगी।
रविवार को नगर निगम के वार्ड-2 कुंभीचौड़ के पंचायत भवन में आयोजित अपराजिता कार्यक्रम में वक्ताओं ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कानूनी सलाहकार राखी पाल ने कहा कि महिलाओं को संवैधानिक रूप से कई अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन सामाजिक रूप से सबल बनना अभी बाकी है। इसके लिए उनको खुद प्रयास करना होगा। कहा कि समाज में महिलाओं की स्थित में तेजी से सुधार आया है, लेकिन अभी बहुत कुछ मिलना बाकी है। राखी पाल ने कहा कि महिलाओं की दशा तभी सुधरेगी, जब वे स्वयं अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगी।
योग शिक्षिका उषा असवाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की शुरुआत अपने घर से ही होनी चाहिए। शिक्षा वह अहम कड़ी है, जो महिलाओं से संबंधित तमाम विसंगतियों को समाप्त कर देती है। कहा कि बेटियां किसी भी बाधा की परवाह किए बगैर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। यदि कोई परेशानी हो तो वे अभिभावक से जरूर शेयर करें। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों की छोटी से छोटी बात नोटिस करनी चाहिए। कहा कि अभिभावकों की लापरवाही ही बाल अपराध को जन्म देती है।
गोष्ठी में महिलाओं और बेटियों को कोटद्वार कोतवाली, सीओ कार्यालय और महिला हेल्प लाइन 1090 व एकल इमरजेंसी नंबर 112 नोट कराए। भारत स्वाभिमान न्यास के युवा प्रभारी विजयपाल नेगी ने कहा कि अमर उजाला का अपराजिता कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय कदम है। कार्यक्रम में योग शिक्षिका दीपिका मैंदोला व किरन डंडरियाल ने महिलाओं और बेटियों को योगाभ्यास कराया। कार्यक्रम में आशा रावत, पिंकी पोखरियाल, सरिता जखवाल, शिवा मैंदोला, आरती असवाल, विनिता मैंदोला, विमला असवाल, सुमन जखमोला, प्रतिमा रावत, लक्ष्मी राणा, सीमा सजवाण व सुनीता कोटनाला समेत 47 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.