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जौनपुर :कानून का सहारा लें

Published - Sun 06, Jan 2019

महिला सजगता संगोष्ठी

जौनपुर। हक पाने के लिए महिलाओं को कानून का सहारा लेना चाहिए। अगर कानून का अनुपालन में हीलाहवाली की जाती है, तो भी न्याय के लिए विधि सम्मत तरीके से संघर्ष करना चाहिए। ऐसा करने पर ही महिलाएं अपराजिता बन सकेंगी। अपराजिता अभियान के तहत 4 जनवरी को अमर उजाला कार्यालय पर 'महिलाओं के उत्थान में कानून कितना सार्थक' विषयक संगोष्ठी में महिलाओं ने यह बात रखी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी बात मजबूती के साथ रखनी चाहिए। यदि किसी महिला का उत्पीडऩ हो रहा है तो उसे अपनी बात सार्वजनिक करनी चाहिए। महिलाएं हमेशा हिंसा का शिकार हुई है। जब तक वे हिंसा का विरोध नहीं करेंगी, तब तक अपराजिता नहीं बन सकती। अपने अधिकार के साथ कर्तव्यों  की भी जानकारी रखनी होगी।  महिलाओं को दूसरी महिला के सहयोग  के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। महिला समाख्या की जिला समन्वयक रजनी सिंह, चिकित्सक डॉ. संध्या सिंह, लायनेस अध्यक्ष उर्मिला सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह चौहान, किरन मिश्रा, सखी वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति गुप्ता, डॉ. योगिता मिश्रा, सोना बैंकर्स, कल्पना सिंघानिया, अंजू पाठक, शिया डिग्री कालेज की असिंस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तसनीम फातिमा, तसनीम जैदी, पिंकी जायसवाल, स्वर्णिमा जायसवाल, तूलिका श्रीवास्तव  ने संगोष्ठी में विचार रखे। इस मौके पर गीता उपाध्याय, साधना साहू, सीमा साहू,  पिंकी जायसवाल,  कल्पना सिंघानिया, सुजाता जायसवाल, शबा कमर, तबीश फातिमा आदि मौजूद थीं। अंत में सभी ने अपराजिता शपथ पत्र भरे व संकल्प लिया। (4-1-19)