Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

मानसिकता भी बदलें

Published - Mon 07, Jan 2019

महिला सशक्तीकरण पर हुई बात

aparajita sanwad national convent school mirzapur

मिर्जापुर।  महिलाओं के बिना किसी भी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। वह समाज का मूलभूत अंग है। अब महिलाएं जाग उठी हैं, उन्हें उनका पूरा हक चाहिए।  अपराजिता अभियान के तहत 4 जनवरी को नेशनल कॉन्वेंट स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने खुलकर अपने विचार रखे। 'महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून कितने प्रासंगिक' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं ने कहा, सिर्फ कानूनों से महिलाओं पर बढ़ रहे पराधों पर लगाम नहीं लगाया जा सकता है, बल्कि लोगों की सोच और मानसिकता में बदलाव होना जरूरी है। नेशनल कान्वेंट स्कूल की हेड डिंपल गुप्ता ने कहा कि एक वक्त था जब नारी को देवी के रूप में पूजते थे। लेकिन आज तो आलम कुछ और है। लोगों के नजरिए में बदलाव जरूरी है। नारियों पर होने वाले कई प्रकार के जुर्म को रोकने के लिए आरोपियों के खिलाफ अपनी आवाज को उठाना होगा। अंजूला सरकार ने कहा आज कहीं कोई गुनाह होता है तो सियासी खेल शुरू हो जाता है। पल भर के लिए राजनीति गरम होती है, बयानबाजी होती है और फिर सब कुछ ज्यों का त्यों हो जाता है। एस बेगम, किरन त्रिपाठी, कुसुम पांडेय, पार्वती द्विवेदी ने भी विचार रखे। (4-1-19)