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महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

बच्चों में खत्म करें भेद

Published - Sat 19, Jan 2019

महिलाओं ने रखी अपनी बात

गाजियाबाद। अपराजिता जिसे पराजित नहीं किया जा सके। महिलाएं इतने संघर्षों और दमन के बावजूद उभर कर सामने आईं हैं। महिलाओं को सशक्त करने की अधिक जरूरत नहीं है, बल्कि जरूरत है समाज को और पुरुष वर्ग को अपनी सोच बदलने की। अपराजिता अभियान के तहत 10 जनवरी को अमर उजाला कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में शामिल महिलाओं ने यह विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अगर दुष्कर्म के आरोपियों का समाज द्वारा बहिष्कार किया जाए और उसे सख्त सजा मिले, तभी ऐसे कृत्य कम होंगे।  आईएमएस की डायरेक्टर (यूसी कैंपस) डॉ. सपना प्रकाश, आईटीएस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर विद्या शेखरी, आईएमई कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पूनम खन्ना, मदर इंडिया स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा त्यागी, गुंजन सिंघल, बिंदल्स संचालिका श्वेता गुप्ता, आईपीईएम डीन सुगंधा गोयल, आईपीईएम एचओडी डॉ.डोली फिलिप, डभ्पीएसजी की प्रिंसिपल ज्योति गुप्ता, एकेजी इंटरनेशनल स्कूल की ​प्रिंसिपल अंजू गौड़, रॉयल किड्स स्कूल की एमडी ऋचा सूद, आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज की चेयरमेन नूतन शर्मा, भारत विकास परिषद ईस्ट दिल्ली की अध्यक्ष शारदा जैन, डीपीएस एचआरआईटी की एमडी वैशाली अग्रवाल ने अपराजिता शपथ पत्र भरे व नारी गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लिया। (10-1-19)