महिला सशक्तीकरण पर हुई बात
खुर्जा (बुलंदशहर)। आत्मविश्वास ही वह मंत्र है जो नारी को सशक्त बना सकता है। इसकी बदौलत ही वह घर की चारदीवारी लांघ कर कुछ कर गुजरने की हिम्मत जुटा सकेगी। कुछ इसी उद्देश्य के साथ अमर उजाला की मुहिम अपराजिता के अंतर्गत पुरानी तहसील रोड पर 11 जनवरी को आयोजित महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में महिला अधिवक्ताओं, समाजसेवी व प्रबुद्ध महिलाओं ने अपने विचारों को साझा किया। परिचर्चा में 30 महिलाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. पूनम बशिष्ठ ने कहा कि अपराजिता का अर्थ है कि जो पराजित न हो। ऐसे में महिलाओं को हर परिस्थितियों का डटकर सामना करते जीत का जज्बा रखना चाहिए। अधिवक्ता निशा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। चाहे उनके उत्पीडऩ का मामला हो या असुरक्षा की। कानून के तहत उन्हें हर तरह की सहायता मिलेगी। अधिवक्ता वर्षा शर्मा, अधिवक्ता नसरीन अंसारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ उत्पीडऩ के मामले आते हैं। फेसबुक व्हाट्सएप आदि पर उन्हें परेशान किया जाता है। ऐसे में महिलाएं चुप्पी तोड़ते हुए पुलिस को सूचना दे सकती हैं। अपनी असुरक्षा को लेकर महिलाओं को झिझकने की जरूरत नहीं है। अन्याय को न तो सहना चाहिए और न पीछे हटने की जरूरत है। इस दौरान सभी ने अपराजिता शपथ भी ली। (11-1-19)
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.