महिला सशक्तीकरण पर हुई बात
रायबरेली। घरेलू कामकाज और अपने आप को कमजोर समझने की वजह से महिलाएं आज भी घर की चौखट नहीं लांघ पा रही हैं। आज जरूरत है कि महिलाएं अपनी तरक्की का रास्ता खुद चुनें। अपनी सोच बदलें और आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वरोजगार अपनाएं। ऐसा करने से मंजिल स्वयं कदम चूमेगी। अमर उजाला की 'अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल्स' मुहिम के तहत सलोन ब्लॉक के सभागार में चार दिसंबर को हुई परिचर्चा में महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने को लेकर सभी ने अपने सुझाव साझा किए। इस दौरान शिक्षा को महिलाओं की तरक्की के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया गया। सभी ने कहा कि पढ़ने से ही महिलाओं की तरक्की हो सकेगी। (4-12-18)
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.