अपराजिता परिचर्चा
रायबरेली। शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिससे सभी मुश्किलों का मुकाबला किया जा सकता है। ज्ञान ऐसी चाबी है, जिससे सभी ताले खोले जा सकते हैं। तालीम की बदौलत न सिर्फ अपनी तरक्की की जा सकती है, बल्कि पूरे परिवार की गाड़ी चलती है। अपराजिता अभियान के तहत 15 फरवरी को डलमऊ तहसील क्षेत्र के राजीव गांधी स्मारक हाईस्कूल में आयोजित अपराजिता परिचर्चा में यह बात कही गई। वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में बालकों के साथ बालिकाओं को भी बराबर तालीम देनी चाहिए। बेहतर शिक्षा हासिल कर महिलाएं तरक्की के रास्ते पर चलें। समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं ने पुरुषों की तरह अपनी सफलता के परचम फहराए हैं। बेटियां इन महिलाओं के बारे में जानें और उनसे प्रेरित होकर आगे बढ़ें। कार्यक्रम के अंत में सभी ने अपराजिता संकल्प लिया। (15-2-19)
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.