अमर उजाला अपराजिता के तहत नारायणी आश्रम बालिका इंटर कालेज में मार्शल आर्ट शिविर
प्रयागराज। अमर उजाला की मुहिम अपराजिता के तहत बुधवार को तेलियरगंज स्थित नारायणी
आश्रम बालिका इंटर कॉलेज में मार्शल आर्ट शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें प्रशिक्षकों ने
छात्राओं को आत्मरक्षा के टिप्स बताए।
मुख्य प्रशिक्षक कविता भारती व उनके सहयोगी मो. अनस सिद्दीकी ने छात्राओं को पंचिंग,
संकटकाल में बचाव, हाथ छुड़ाने और जवाबी हमले आदि का सही तरीका बताया। इस दौरान
प्रशिक्षकों ने छात्राओं के सामने यह करके भी दिखाया कि हमले के दौरान उन्हें कब और कैसे
अपने हाथ, पैर का प्रयोग करना है। छात्राओं के बीच से आए सवाल कि पीछे से होने वाले हमले
व बाल पकड़े जाने की स्थिति में क्या करना चाहिए, के जवाब में कविता भारती ने बताया कि
इस स्थिति में पहले बैठ जाना चाहिए। इसके बाद हमलावर रुख अपनाते हुए बताई गई टिप्स का
प्रयोग कर जवाब देना चाहिए। शिविर में वंशिका सिंह, ज्योति यादव, स्नेहा, रोजी,
सुदीक्षा वर्मा, सौम्या शुक्ला, दीक्षा तिवारी आदि छात्राओं ने आपस में अभ्यास भी किया।
बता दें कि प्रशिक्षक कविता कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। वह और उनके सहयोगी, दोनों सितोरियो
कराटे स्कूल से जुड़े हैं।
शिविर में उपस्थित प्रधानाचार्या विभा मिश्रा और अन्य वक्ताओं ने अमर उजाला की मुहिम
अपराजिता की सराहना की। कहा कि इस तरह के आयोजनों से लड़कियों में जागरूकता आती है
और उनके भीतर से डर व झिझक दूर होती है। बेटियों को ऐसे आयोजनों का हिस्सा बनना
चाहिए। साथ ही अन्य लड़कियों को भी आत्मरक्षा के गुर सीखने के प्रति प्रेरित करना
चाहिए। समाज के प्रति सबकी जिम्मेदारी है और अन्याय के प्रति आवाज उठाना इसी का एक
हिस्सा है। कार्यक्रम का संयोजन कॉलेज के खेल प्रशिक्षक राजपाल यादव ने किया। इस दौरान
शिक्षक-शिक्षिकाओं में वर्षा पाण्डेय, वैशाली पाण्डेय, निशी श्रीवास्तव, अवनीश शुक्ला,
धनवंतरी नंदगिरि, विधिचंद्र यादव, अभिनंदन पाण्डेय, वीरेंद्र सिंह, यशवंत पटेल समेत बड़ी
संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.