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इस बार जलाएं मिट्टी के दीपक

Published - Thu 15, Nov 2018

पटाखों से मनुष्य और पर्यावरण को होने वाले नुकसान बताए

sitapur diwali

सीतापुर। दीपावली खुशियों का त्योहार है। खुशी के असली मायने तभी होते हैं, जब आपकी खुशी से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। पटाखे जलाकर हम तो प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन इनकी आवाज से पशु पक्षी बेहाल रहते हैं। मानव शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पूरा वायुमंडल दूषित हो जाता है। यह इसलिए कि हम तेज आवाज की जमकर आतिशबाजी करते हैं। अगर खुशियां माननी है तो दीप जलाएं। दीपावली दीप का पर्व है न ‌क‌ि आतिशबाजी का। इसलिए इस बार मिट्टी के दीपक जलाएं। आतिशबाजी के नाम पर कम आवाज के पटाखे चलाएं। ये बातें अमर उजाला संवाद कार्यक्रम के तहत हिंदू कन्या पाठशाला में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षिकाओं-छात्राओं ने बेबाकी से रखी।